काठमांडू। नेपाल के पूर्व राजकुमार पारस बीर बिक्रम शाह की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को कम से कम दो प्रमुख जिलों में रखे गए बंद के दौरान प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए। बंद का आह्वान राजशाही से सहानुभूति रखने वालों ने किया है।
ज्ञात हो कि पूर्व राजकुमार पारस की गिरफ्तारी तब हुई है, जब उनका उपप्रधानमंत्री सुजाता कोईराला के दामाद, बांग्लादेशी नागरिक रुबेल चौधरी के साथ शनिवार की रात झगड़ा हो गया था और उसके बाद उन्होंने हवा में गोली चलाई थी। चौधरी ने कोईराला की बेटी मेलनी से शादी की है।
इस घटना के बाद से दक्षिणी नेपाल के पर्यटक स्थल, चितवन में भारी तनाव है। संसद में एक मात्र राजशाही समर्थक पार्टी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी-नेपाल इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतर आई है। उसने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार देते हुए इसके विरोध मे बंद का आह्वान किया है। पारस और चौधरी के बीच झगड़े की घटना शनिवार रात चितवन में ही घटी थी।
पारस की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने टायरों को जलाकर राजमार्ग अवरुद्ध किया। नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग करने वाली इस पार्टी के कार्यकार्ताओं ने कोईराला के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों ने कोईराला का पुतला जलाया। कोईराला नेपाल की विदेश मंत्री भी है, और इस समय थाईलैंड के आधिकारिक दौरे पर है।
भारतीय सीमा से सटे पारसा जिले में भी विरोध-प्रदर्शन जारी रहे। नेपाल का प्रमुख व्यापारिक केंद्र बीरगंज शहर यहीं स्थित है। नेपाल राष्ट्रबाद संघ ने इस जिले में बंद का आह्वान किया है और संघ के अध्यक्ष जनक शाह ने कहा है कि पुलिस को इस झगड़े में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
विरोध-प्रदर्शन के कारण इन दोनों जिलों में बड़ी संख्या में पर्यटकों सहित सैकड़ों की संख्या में वाहन और लोग फंस गए है।
Wednesday, December 15, 2010
पारस की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन
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